Lata Mangeshkar - Phir Chiddi Raat Lyrics

फिर छिड़ी रात बात फूलों की
रात है या बरात फूलों की

फुल के हार, फुल के गजरे
शाम फूलों की, रात फूलों की

आप का साथ, साथ फूलों का
आप की बात, बात फूलों की

फुल खिलते रहेंगे दुनिया में
रोज निकलेगी बात फूलों की

नज़रे मिलती हैं, जाम मिलते हैं
मिल रही है हयात फूलों की

ये महकती हुयी गज़ल मखदूम
जैसे सेहरा में रात फूलों की
This lyrics has been read 162 times.