Arijit Singh - Ullu Ka Pattha Lyrics

जाना ना हो जहाँ वहीं जाता है
दिल उल्लू का पट्ठा है
थोड़ी तकदीर क्यों आजमाता है
दिल उल्लू का पट्ठा है
जाना ना हो जहाँ वहीं जाता है
दिल उल्लू का पट्ठा है
थोड़ी तकदीर क्यों आजमाता है
दिल उल्लू का पट्ठा है
बे सर पैर की है इसकी आदतें
आफत को जान के देता है दावतें
ऐ ऐ ऐई
जैसे आता है चुटकी में जाता है
दिल सौ सौ का छुट्टा है
हो जाना न हो जहाँ वहीं जाता है
दिल उल्लू का पट्ठा है
हम्म. कन्फ्यूज है
दोस्ती पे इसे ऐतबार आधा है
रंग में दोस्ती के जो भंग घोल दे
इश्क का भूत सर पे सवार आधा है
निगल सके नहीं उगल सके
संगमरमर का बंगला बनाता है
दिल अकबर का पोता है
ओ. जाना न हो जहाँ वहीं जाता है
दिल उल्लू का पट्ठा है
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